NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 12 भोर और बरखा प्रश्न और उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 12 Bhor Aur Barkha Questions and Answers

अभ्यास 

कविता से—

प्रश्न 1. ‘बंसीवारे ललना’, ‘मोरे प्यारे’, ‘लाल जी’, कहते हुए यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और वे कौन-कौन सी बातें कहती हैं?

उत्तर – यशोदा जी ‘बंसीवारे ललना’, ‘मोरे प्यारे’, ‘लाल जी’, कहते हुए अपने पुत्र श्री कृष्ण को जगाने का प्रयास कर रही हैं। श्री कृष्ण को जगाने के लिए वह कहती हैं कि, हे मेरे प्यारे बंसी बजाने वाले श्री कृष्ण जाग जाइए, सुबह हो चुकी है। सभी घरों के दरवाजे खुल चुके हैं। गोपियाॅं भी दही मथ रही है। देवता और मनुष्य तुम्हारे दर्शन पाने के लिए द्वार पर खड़े हैं। तुम्हारे सभी सखा भी उठकर जय-जय शब्द का उच्चारण कर के शोर मचा रहे हैं। अब तुम भी उठ जाओ।

प्रश्न 2. नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए–

          ‘माखन-रोटी हाथ मॅंह लीनी, गउवन के रखवारे।’

उत्तर – सभी ग्वालो ने मक्खन और रोटी अपने हाथ में ले ली है और वह गायों की रखवाली के लिए तैयार हैं।

प्रश्न 3. पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए।

उत्तर – ब्रज के लोग सुबह उठते ही प्रभु श्री कृष्ण के भजन में लग जाते हैं। गाॅंव के लोग घरों के दरवाजे खोलकर साफ सफाई करते हैं। गोपियाॅं दही मथती हैं। गांव के ग्वाले गायों को चराने के लिए चरगाहों की तरफ चल पड़ते है। भक्त लोग देवों की जय जयकार करते हैं।

प्रश्न 4. मीरा को सावन मनभावन क्यों लगने लगा?

उत्तर – सावन आते ही वर्षा ऋतु का प्रारंभ हो जाता है और आसमान में काले काले बादल छाना आरंभ कर देते हैं। बादलों को देखकर मीराबाई का मन बहुत खुश हो जाता है और उन काले-काले बादलों में मीरा बाई को प्रभु श्री कृष्ण के दर्शन का अनुभव होता है। वह काले बादल देखते ही मीराबाई खुश हो जाती है और उन्हें लगता है कि उसके प्रभु उसको दर्शन देने के लिए उसके पास आ रहे हैं।

प्रश्न 5. पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएं लिखिए।

उत्तर – सावन के महीने आने पर वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाता है। रिमझिम वर्षा होने लगती है। आसमान में चारों ओर फैले बादल उमड़ कर वर्षा करने लगते हैं और आकाश में बिजली चमकती रहती है। बरसते बादलों को देखकर मन में उल्लास सा भर जाता है। वर्षा की नन्ही-नन्ही बूंदे मन को बहुत आनंद पहुॅंचाती है। चारों और ठंडी वायु वह रही होती है और सावन के महीनों में जमीनों पर हरियाली छा जाती है।

कविता से आगे—

पश्न 1. मीरा भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। इस काल के दूसरे कवियों के नामों की सूची बनाइए तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।

उत्तर – भक्ति काल के दूसरे कवियों के नाम तथा उनकी एक-एक रचना के नाम–

                कवि               रचना
(क) गोस्वामी तुलसीदास श्री रामचरित मानस
(ख) नंददास प्रेममंजरी
(ग) सूरदास सूरसागर
(घ) कबीर कबीर ग्रंथावली

प्रश्न 2. सावन वर्षा ऋतु का महीना है, वर्षा ऋतु से संबंधित दो अन्य महीनों के नाम लिखिए।

उत्तर – 1. आषाढ़ 

          2. भाद्रपद (भादों) 

अनुमान और कल्पना—

प्रश्न 1. सुबह जगने के समय आपको क्या अच्छा लगता है?

उत्तर – सुबह उठते ही पक्षियों की चहचहाहट, सूर्य की किरणें, ताज़ी तेज हवा, घर में पूजा घर से धूपबत्ती की आती हुई सुगंध और किचन से खानों की सुगंध सुबह जागने के समय अच्छी लगती है।

प्रश्न 2. यदि आपको अपने छोटे भाई-बहन को जगाना पड़े, तो कैसे जगाएंगे?

उत्तर – यदि मुझे छोटे भाई-बहन को जगाना पड़े तो मैं उन्हें बड़े प्यार दुलार से उठाऊंगा और उन्हें सुबह उठने के कई फायदे भी बताऊंगा।

प्रश्न 3. वर्षा में भीगना और खेलना आपको कैसा लगता है? 

उत्तर – वर्षा में भीगना और खेलना हमें बहुत अच्छा लगता है क्योंकि जब बारिश की ठंडी-ठंडी बूंदे शरीर पर लगती है तो बहुत आनंद सा महसूस होता है और उसके साथ बहती हुई मनमोहक हवा मन में ताजगी और खुशी का एहसास कराती है। वर्षा में भीगते भीगते खेलने में बहुत आनंद मिलता है और वह पल हमारे लिए बहुत ही मनोरंजक होता है। 

प्रश्न 4. मीराबाई ने सुबह का चित्र खींचा है अपनी कल्पना और अनुमान में लिखिए कि नीचे दिए गए स्थानों की सुबह कैसी होती है–

(क) गाॅंव, गली या मोहल्ले में 

(ख) रेलवे प्लेटफार्म पर 

(ग) नदी या समुद्र के किनारे 

(घ) पहाड़ों पर 

उत्तर – (क) गाॅंव, गली या मोहल्ले में सुबह बड़ी ही शोर सपाटे से होती है। लोग 4:00 बजे ही उठ कर घरों में झाड़ू लगाते हैं। कुछ नौकरी पर जाने के लिए, कुछ मंदिरों की तरफ जाते हुए और दूध वाला सभी के घर जा जाकर दूध देते हुए दिखाई देता है।

(ख) सुबह होते ही प्लेटफार्म पर गाड़ियों का आवागमन होने लगता है। वहाॅं कुछ लोग आने वाली रेलगाड़ियों का इंतजार कर रहे होते हैं। अखबार बेचने वाले और चाय बेचने वाले भी अखबार और चाय बेचने के लिए तैयार हो जाते हैं और वह सभी आने वाली रेलगाड़ी का इंतजार करते हुए दिखाई देते हैं

(ग) नदी या समुद्र किनारे सुबह का वातावरण बहुत शांत होता है। वहाॅं पर ठंडी-ठंडी शीतल हवाएं बहती है और उन हवाओं से जो छोटी-छोटी लहरें समुंद्र या नदियों में बनती है वह दृश्य बहुत ही प्यारा होता है। कुछ लोग सुबह-सुबह नदी या समुद्र किनारे टहलते हुए भी दिखाई देते हैं।

(घ) पहाड़ों पर सुबह का वातावरण बहुत ही शांत व सुहावना होता है।‌ चिड़ियों का चहकना और हवाओं से हिलते हुए पत्ते दिखाई देते हैं। सूरज की किरण धीरे-धीरे पहाड़ से उभरती हुई नजर आती है और उन कोमल किरणों कि रोशनी से वृक्ष के पत्ते सोने जैस चमकने लगते हैं।

भाषा की बात— 

प्रश्न 1. कृष्ण को ‘गउवन के रखवारे’ कहा गया है जिसका अर्थात है गौओं का पालन करने वाले। इसके लिए एक शब्द दें।

उत्तर – गौओं का पालन करने वाले ‘गोपाल’।

प्रश्न 2. नीचे दो पंक्तियाॅं दी गई हैं। इनमें से पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द दो बार आए हैं, और दूसरी पंक्ति में भी दो बार। इन्हें पुनरुक्ति (पुनः उक्ति) कहते हैं। पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द विशेषण हैं और दूसरी पंक्ति में संज्ञा।

‘नन्हीं-नन्हीं बूॅंदन मेहा बरसे’ 

‘घर-घर खुले किंवारें’

• इस प्रकार के दो-दो उदाहरण खोजकर वाक्य में प्रयोग कीजिए और देखिए कि विशेषण तथा संज्ञा की पुनरुक्ति के अर्थ में क्या अंतर है?

जैसे– मीठी-मीठी बातें, फूल-फूल महके।

उत्तर –

विशेषता पुनरुक्ति उदाहरण–
क) राम-राम हमें हर समय राम-राम का जाप करना चाहिए।
ख) धीरे-धीरे धीरे-धीरे चलने से कछुआ जीत गया।
ग) लाल-लाल लाल-लाल फूल खिल उठे।
घ) काले-काले काले-काले बादल घिर आए।
संज्ञा पुनरुक्त के उदाहरण–
क) सुबह-सुबह सुबह-सुबह ठंडी वायु चलती है।
ख) बार-बार बार-बार फोन क्यों कर रहे हो? 
ग) रात-रात विद्यार्थी रात-रात भर जाकर पढ़ते हैं।  
घ) नगर-नगर साधु नगर-नगर घूम रहा था।

कुछ करने को—

प्रश्न 1. कृष्ण को ‘गिरधर’ क्यों कहा जाता है? इसके पीछे कौन सी कथा है? पता कीजिए और कक्षा में बताइए ।

उत्तर – कृष्ण को ‘गिरधर’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपनी उंगली पर गिरी  (पर्वत) को उठा लिया था। इसके पीछे एक रोमांचकारी कथा है कि जब श्री कृष्ण के कहने पर गाॅंव के सभी लोगों ने इंद्र की पूजा बंद कर दी और उनके जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे, तो इंद्र ने गुस्से में आकर गाॅंव में भयानक वर्षा करवाई। अत्यधिक वर्षा होने के कारण पूरा गाॅंव पानी में डूबने लगा। गाॅंव के लोगों की रक्षा करने के लिए श्री कृष्ण ने अपनी एक उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया तथा लोगों को अपनी छत्रछाया में सुरक्षा दी।  फिर हार कर इंद्र ने भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा-याचना की। पर्वत को गिरी भी कहते हैं। इसी कथा से श्री कृष्ण का नाम गिरधर पड़ा।

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