NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 6 Shaam Ek Kishan Questions and Answers
अभ्यास
कविता से—
प्रश्न 1. इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है–यह एक रूपक है। इसे बनाने के लिए पाॅंच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और साफे में दिखाते हुए कविता में ‘आकाश का साफ़ा’ वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानो नदी चादर-सी हो। अब आप दूसरी, चौथी और पाॅंचवी एकरूपताओं को खोजकर लिखिए।
उत्तर – (क) सूरज की चिलम।
(ख) आकाश का साफ़ा
(ग) पलाश के जंगल की अंगूठी।
(घ) पहाड़ लगा किसान-सा
(ड़) भेंड़ों के गले-सा।
प्रश्न 2. शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देख कर बताइए–
(क) शाम कब से शुरू हुई?
(ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा?
(ग) इस बीच आसमान में क्या-क्या परिवर्तन आए?
उत्तर –
(क) सूर्य जब पश्चिम में डुबने की सीमा पर पहुॅंचता है, तो शाम शुरू हो जाती है।
(ख) तब से लेकर सूरज को डूबने में कम से कम आठ से दस मिनट लग जाते हैं।
(ग) इसी बीच आसमान में पश्चिम दिशा में लाल रंग भर जाता है। पंछी आसमान में चहचहाने लगती है। सूरज की रोशनी तेजी से धुंधली पढ़ने लगती है। कुछ समय बाद सूरज डूब जाता है और उसकी रोशनी समाप्त हो जाती है। उसी के साथ अंधेरा भी छाने लगता है।
प्रश्न 3. मोर के बोलने पर कवी को लगा जैसे किसी ने कहा हो– ‘सुनते हो’। नीचे दिए गए पंक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बाॅंधिए–
कबूतर कौआ मैना तोता चील हंस |
उत्तर –
पक्षी का नाम | ध्वनि (बोली) | अर्थ |
कबूतर | गुटर गूॅं | कहाॅं है तू? |
कौआ | पैं-पैं | क्या हाल है? |
मैना | काॅं-काॅं | क्या हुआ – क्या हुआ? |
तोता | चीं-टीं-चीं | बहुत ऊपर हूॅं। |
चील | चीं-चीं | मैं भी हूॅं। |
हंस | वग-वग | हाॅं हाॅं। |
कविता से आगे—
प्रश्न 1. इस कविता को चित्रित करने के लिए किन-किन रंगों का प्रयोग करना होगा?
उत्तर – इस कविता में कई चीजें हैं। आसमान, सूरज, पहाड़, इत्यादि इन सभी को रंगने के लिए विविध रंगों का प्रयोग करना होगा–
नीला, सफेद, हल्का नीला, हरा, काला, लाल, भूरा, सलेटी और लाल-पीला मिलाकर नारंगी आदि रंगों के प्रयोग करना पड़ेंगा।
प्रश्न 2. शाम के समय यह क्या करते हैं? पता लगाइए और लिखिए–
पक्षी खिलाड़ी फलवाले माॅं पेड़पौधे पिताजी किसान बच्चे |
उत्तर –
पक्षी | दिनभर पक्षी अपना खाना इकट्ठा करते हैं। फिर शाम के समय पक्षी अपने घोंसले में वापस आ जाते हैं। |
खिलाड़ी | खिलाड़ी शाम के समय खेलते हैं, क्योंकि दोपहर को बहुत धूप होती है। |
फलवाले | कड़क धूप में सारे फल बेचने के बाद, फलवाले शाम को अपने घर लौट रहे होते हैं। |
माॅं | माॅं शाम के समय भोजन व्यवस्था में जुट जाती हैं अथवा दफ्तर से घर आती है। |
पेड़पौधे | शाम के समय पेड़ पौधे धीमी हवा में अपने पत्ते लहराते हैं। |
पिताजी | पिताजी अपने दफ्तर से काम खत्म कर शाम के समय घर लौट आते हैं। |
किसान | पूरा दिन खेत में मेहनत करने के बाद किसान शाम को घर लौट जाते हैं। |
बच्चे | बच्चे शाम के समय पार्क या मैदान में जाकर बहुत उछल कूद करते हैं। |
प्रश्न 3. हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंद पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है–
संध्या का झुटपुट–
बाॅंसों का झुटपुट–
है चहक रहीं चिडियाॅं
टी-वी-टी टुट्-टुट्
• ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल जी की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा? लिखिए ।
उत्तर – हिंदी के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने अपनी कविता में संध्या हो जाने के बाद पक्षियों क्या-क्या करती है, उनके क्रिया को दिखाया है। सर्वेश्वरदयाल जी की कविता में कवि ने ठंड के मौसम में शाम के वक्त को किसान के रूप में दिखाया है और उन्होंने कई तरह के प्राकृतिक दृश्य को भी अपने कविता में उभारा है।
अनुमान और कल्पना—
प्रश्न 1. शाम के बदले यदि आपको एक कविता सुबह के बारे में लिखनी हो तो किन-किन चीजों की मदद लेकर अपनी कल्पना को व्यक्त करेंगे? नीचें दी गई कविता की पंक्तियों के आधार पर सोचिए–
पेड़ों के झुनझुनू
बजने लगे;
लुढ़कती आ रही है
सूरज की लाल गेंद।
उठ मेरी बेटी, सुबह हो गई।
(सर्वेश्वरदयाल सक्सेना)
उत्तर – सुबह होते ही पेड़ों में आवाज़ होने लगती है। पत्तों की टकराहट होने लगती है और कुछ पत्ते टूट के गिर जाते हैं। पूर्वी दिशा में सूर्य की लाली दिखाई देने लगती है, जहाॅं पर सूरज उगने लगता है। सूर्य लाल गेंद की भांति प्रतीत होता है और इसी समय माॅं-बाप अपने बच्चों को उठाने के लिए कहते हैं।
भाषा की बात—
प्रश्न 1. नीचे लिखी पंक्तियों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखिए–
(क) घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सी
(ख) सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले-सा
(ग) पानी का परदा-सा मेरे आसपास था हिल रहा
(घ) मॅंडराता रहता था एक मरियल-सा कुत्ता आसपास
(ड़) दिल है छोटा-सा छोटी-सी आशा
(च) घास पर फुदकती नन्ही-सी चिड़िया
• इन पंक्तियों में सा/सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से कैसे शब्दों के साथ हो रहा है?
उत्तर – चादर-सी, गल्ले-सा और परदा-सा इन पंक्तियों में सी-सा का प्रयोग संज्ञा शब्दों के साथ हुआ है। मरियल-सा, छोटा-सा और नन्हीं-सी का प्रयोग विशेषण शब्दों के साथ हुआ है। इन पंक्तियों में नदी की तुलना चादर से, भेड़ों की तुलना गल्ले से और पानी की तुलना पर्दे से की गई है। कुत्ते, दिल और चिड़िया की विशेषता मरियल, छोटा और नन्हीं शब्दों द्वारा बताई गई है।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग आप किन संदर्भों में करेंगे? प्रत्येक शब्द के लिए दो-दो संदर्भ (वाक्य) रचिए।
आंधी दहक सिमटा |
उत्तर –
1. आंधी |
क. लगता है कल रात दूसरे शहर में तेज आंधी चली थी। उसी कारण यह घटनाएं हुई है। |
ख. आंधी आते ही सब लोग व उनके सामान इधर-उधर बिछड़ने लग गए। |
2. दहक |
क. गर्मीयों में सूरज के दहक से बहुत गर्मी बढ़ जाती है। |
ख. कभी-कभी बहुत गर्मी बढ़ जाने के कारण समुंद्र भी दहकता है। यह बात कम लोग ही जानते हैं। |
3. सिमटा |
क. अध्यापक/अध्यापिका को देखकर सारे बच्चे सिमटने लग गए। |
ख. दूल्हे को देखकर दुल्हन सीमटी जा रही थी। |