NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 13 वीर कुॅंवर सिंह प्रश्न और उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 13 Veer kunwar singh Questions and Answers

अभ्यास 

निबन्ध से—

प्रश्न 1. वीर कुॅंवर सिंह के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया?

उत्तर – वीर कुॅंवर सिंह के व्यक्तित्व की बहुत सी विशेषताओं ने हमें प्रभावित किया है :-

वीर कुॅंवर सिंह बहुत बहादुर व स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने 1857 के विद्रोह में अंग्रेजों की सेना को कदम-कदम पर परास्त किया था। वह किसी प्रकार का भी कोई जातिगत भेदभाव नहीं किया करते थे, उन्होंने अपनी सेना में इब्राहिम खाॅं और किफायत हुसैन को उच्च पदों पर रखा था। वह हिंदू मुस्लिम सभी के त्यौहार सबके साथ मिलकर मनाते थे।

उनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य स्वतंत्रता था। उनमें देशभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई थी। वह युद्ध में कुशल, आत्मनिर्भर, अस्त्र-शस्त्र में निपुण, ज्ञानी व चतुर और दानी भी थे। 

प्रश्न 2. कुॅंवर सिंह को बचपन में किन कामों में मज़ा आता था? क्या उन्हें उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली?

उत्तर – कुॅंवर सिंह को बचपन में पढ़ाई-लिखाई से ज्यादा लगाव नहीं था। पर उन्हें घुड़सवारी, तलवारबाजी और कुश्ती लड़ने में बहुत मज़ा आता था। जब वह बड़े हुए तो उन्हें उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने के लिए बहुत मदद मिली।

प्रश्न 3. सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवर सिंह की गहरी आस्था थी– पाठ के आधार पर कथन की पुष्टि कीजिए।

उत्तर – सांप्रदायिक सद्भाव में कुॅंवर सिंह की गहरी आस्था थी। कुॅंवर सिंह की सेना में मुस्लिम भी उच्च पदों पर थे। इब्राहिम खाॅं और किफायत हुसैन नामक मुसलमान कुॅंवर सिंह की सेना में एक उच्च पद पर शामिल थे। वह हिंदू मुस्लिम में कोई फर्क नहीं समझते थे और किसी प्रकार का भी भेदभाव नहीं करते थे। वहाॅं पर सभी लोग मिलकर दोनों धर्मों का त्यौहार साथ मनाया करते थे। उन्होंने कई विद्यालय तथा उनके साथ ही साथ कई मदरसे भी खुलवाए।

प्रश्न 4. पाठ के किन प्रसंगों से पता चलता है कि कुॅंवर सिंह साहसी, उदार एवं स्वाभिमानी व्यक्ति थे?

उत्तर – वीर कुॅंवर सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने बनारस, मथुरा, कानपुर आदि स्थानों पर जाकर विद्रोह की योजनाएं बनाई। उनका साहस अतुलनीय था, 13 अगस्त 1857 को जब कुॅंवर सिंह की सेना अंग्रेजों से परास्त हो गई तो उन्होंने साहस ना छोड़ा, बल्कि भावी संग्राम की योजना बनाने में जुट गए। उन्होंने पूरे उत्तर भारत में आजादी की आग को जलाए रखा था। पूरे उत्तर भारत में उनके साहस की चर्चा थी। अंत में 23 अप्रैल 1858 में अंग्रेजी सैनिकों को आजमगढ़ में परास्त करते हुए जगदीशपुर में जीत की विजय पताका फहरा कर ही दम लिया।

वीर कुंवर सिंह सिपाही के साथ-साथ समाज सेवक भी थे। उन्होंने अनेकों विद्यालय एवं मदरसे खुलवाए। उन्होंने कुएं एवं तालाब आदि बनवाने के सराहनीय कार्य को भी किये थे।

प्रश्न 5. आमतौर पर मेले मनोरंजन, खरीद फ़रोख्त एवं मेलजोल के लिए होते हैं। वीर कुॅंवर सिंह ने मेले का उपयोग किस रूप में किया?

उत्तर – आमतौर पर मेले मनोरंजन, खरीद फ़रोख्त एवं मेलजोल के लिए आयोजित किए जाते हैं। परंतु वीर कुॅंवर सिंह मेले का उपयोग देश को आजाद करवाने के लिए एक गुप्त बैठक के लिए किया था। सोनपुर मेला एशिया का सबसे बड़ा मेला होता था। इस मेले का उपयोग कुॅंवर सिंह ने अंग्रेजी सेनानी को चकमा देते हुए लोगों को गुप्त बैठक में एकत्रित किया करते थे और उस गुप्त बैठक में अंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति की योजना बनाया करते थे।

निबन्ध से आगे—

प्रश्न 1. सन् 1857 के आंदोलन में भाग लेने वाले किन्हीं चार सेनानियों पर दो-दो वाक्य लिखिए।

उत्तर – 

1. रानी लक्ष्मीबाई झाॅंसी की रानी लक्ष्मी बाई स्वाधीनता संग्राम की सबसे प्रथम महिला थीं। सन् 1857 के आंदोलन में अंग्रेजों के साथ युद्ध करते हुए रानी लक्ष्मीबाई ने अपने प्राणों की बाजी लगा दी थी। वह सिर्फ 23 वर्ष की अल्पायु में ही वीरगति को प्राप्त हो गई।
2. ताॅंत्या टोपे ताॅंत्या टोपे का नाम रामचंद्र पांडुरंग था। ये झाॅंसी की रानी की सेना में सेनापति थे। इन्होंने 5 जून 1857 ई. को कैपबल के खिलाफ विद्रोह किया था।
3. मंगल पांडे इन्होंने ही आजादी के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाई थी। मंगल पांडे कट्टर धर्मावलंबी थे। कारतूस में गाय और सुअर की खबर फैलने के बाद इन्होंने विद्रोह की शुरुआत की थी। महान स्वतंत्रता सेनानी की भाॅंति इन्होंने भी फाॅंसी का फंदा हॅंसते-हॅंसते चुमा था।
4. लियाकत अली सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में इन्होंने कर्नल नील के खिलाफ विद्रोह कर दिया।

प्रश्न 2. सन् 1857 के क्रांतिकारियों से संबंधित गीत विभिन्न भाषाओं और बोलियों में गाए जाते हैं। ऐसे कुछ गीतों को संकलित कीजिए।

उत्तर – सन् 1857 के क्रांतिकारियों से संबंधित कुछ गीत :-

क) सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।देखना है जोर कितना, बाजुए कातिल में है।।
ख) ओ मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे बसंती चोला।
ग) कर चले हम फिदा जान-ओ तन साथियों।अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों।।
घ) ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी कसम।तेरी राहों में जां तक लुटा जाएंगे।।
ड़) यह देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों का।इस देश का यारों क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना।।

कुछ शेष गीतों को छात्र स्वयं संकलित करें।

अनुमान और कल्पना—

प्रश्न 1. वीर कुंवर सिंह का पढ़ने के साथ-साथ कुश्ती और घुड़सवारी में अधिक मन लगता था आपको पढ़ने के अलावा और किन किन गतिविधियों या कामों में खूब मजा आता है? लिखिए।

उत्तर – मुझे पढ़ने के साथ-साथ क्रिकेट और फुटबॉल खेल में खेलने में भी दिलचस्पी है। शाम को पार्क में घूमना, दोस्तों के साथ बातचीत करना व फोन में गेम खेलना भी अच्छा लगता है।

छात्र स्वयं अपने-अपने इच्छा अनुसार उत्तर लिखें।

प्रश्न 2. सन् 1857 में अगर आप 12 वर्ष के होते तो क्या करते? कल्पना करके लिखिए।

उत्तर – यदि मैं सन् 1857 में अगर 12 वर्ष का होता तो अवश्य मैं भी वीर सेनानियों जैसा बनना चाहता। मैं तलवार चलाना व घुड़सवारी सीखता ताकि बड़े होकर एक वीर सैनिक बनकर अपने देश कि सुरक्षा करता और अपने देश की आजादी के लिए आवाज उठाता एवं लोगों में देश प्रेम की भावना जागृत करने का भी प्रयास करता।

प्रश्न 3. आपनी भी कोई मेला देखा होगा। सोनपुर के मेले और इस मेले में आप क्या अंतर पाते हैं?

उत्तर – 

1. सोनपुर का मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है। 1. मैंने जो मेला देखा है वह मेला स्थानीय तौर पर लगता है।
2. यह मेला कई दिनों या महीनों तक भी चलता रहता है। 2. यह मेला सिर्फ 15 दिनों तक ही चलता है।
3. इस मेले में हाथियों तथा अन्य पशुओं को बेचा और खरीदा जाता है। 3. मेले में ने कई प्रकार की चीजें होती हैंऔर वह कम दाम में भी मिल जाती है।
4. मेले में अनेक किस्म के जानवर होते हैं, जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करके उनका मन बहलाते हैं। 4. मेले में हाथ से बनी वस्तुओं भी होती है, तरह-तरह के झूले, खिलौने, खाने के लिए चीजें व कपड़े भी मिलते हैं।

भाषा की बात—

प्रश्न 1. आप जानते हैं कि किसी शब्द को बहुवचन में प्रयोग करने पर उसकी वर्तनी में बदलाव आता है। जैसे– सेनानी एक व्यक्ति के लिए प्रयोग करते हैं और सेनानियों एक से अधिक के लिए। सेनानी शब्द की वर्तनी में बदलाव यह हुआ है कि अंत के वर्ण ‘नी’ की मात्रा दीर्घ ‘ी'(ई) से ”स्व ‘ि'(इ) हो गई है। ऐसे शब्दों को, जिनके अंत में दीर्घ ईकार होता है, बहुवचन बनाने पर वह इकार हो जाता है, यदि शब्द के अंत में ”स्व इकार हो जाता है, तो उसमें परिवर्तन नहीं होता; जैसे- दृष्टि से दृष्टियों।

नीचे दिए गए शब्दों का वचन बदलिए–

नीति   …………..   जिम्मेदारियों   ……………  सलामी ……………….स्थिति …………..   स्वाभिमानियों …………….  गोली    ……………….

उत्तर –

नीति नीतियों।
जिम्मेदारियों जिम्मेदारी।
सलामी सलामियों।
स्थिति स्थितियों।
स्वाभिमानियों स्वाभिमानी।
गोली गोलियों।

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