NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 3 कठपुतली प्रश्न और उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Vasant Chapter 3 Kathputli Questions and Answers

प्रश्न 1. कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?

उत्तर – कठपुतलियां स्वतंत्र होना चाहती हैं। उन्हें बन्धन स्वीकार नहीं है और वह अपना जीवन किसी बंधन में नहीं बिताना चाहती। जब उसने अपने आप को धागे में बंधा हुआ देखा तो उसे गुस्सा आ गया ।

प्रश्न 2. कठपुतली को अपने पॉंवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?

उत्तर – कठपुतली को अपने पॉंवों पर खड़े होने की इच्छा है, लेकिन वह इसलिए नहीं खड़ी होती है क्योंकि उसे लगता है कि उसके वश में कुछ भी नहीं है। एक तरफ धागे ने उसे सहारा दे रखा है और दूसरी तरह उसी धागे ने उस कठपुतली को एक बंधी बना रखा है ।

प्रश्न 3. पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी?

उत्तर – पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को इसलिए अच्छी लगी क्योंकि वो अब बंधन में रहना पसंद नहीं करती। वह आजादी चाहती थी। वो खुले मन से जीना चाहती थी और अपने भाव विचारों को पूर्ण रूप से व्यक्त करना चाहती थी । 

प्रश्न 4. पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि–’ये धागे / क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? इन्हें तोड़ दो; /  मुझे मेरे पॉंवों पर छोड़ दो ।’–तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि– ‘ये कैसी इच्छा / मेरे मन में जगी?’ नीचे दिए गए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए–

  • उसे दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी महसूस होने लगी ।
  • उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी । 
  • वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के लिए उपाय सोचने लगी ।
  • वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी ।

उत्तर – पहली कठपुतली ने सोचा कि अगर वह इन धागों के बंधनों से आजाद हो जाएगी तो अन्य कठपुतलियों की आजादी की जिम्मेदारी उस पर आ जाएगी । पहली कठपुतली शीघ्र ही स्वतंत्र होना चाहती थी, उसे लगता था कि आजादी के बिना जीवन एक गुलाम की तरह है। अगर आजादी मिल गई तो वह खुले मन से जी सकेगी और अपने विचार को पूर्ण रूप से व्यक्त कर पाएंगी परंतु कठपुतली को लगा कि आजादी मिलने के बाद पता नहीं उसकी आजादी सुरक्षित रह पाएगी या नहीं इसलिए वह सोच समझकर ही कदम उठाना चाहती थी। उसे यह डर भी लगने लगा कि उसकी छोटी आयु के कारण उसकी आजादी छीन ना ली जाए।

कहानी से आगे —

प्रश्न 1. ‘बहुत दिन हुए / हमें अपने मन के छंद हुए ।’ –इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है? अगले पृष्ठ पर दिए हुए वाक्यों की सहायता से सोचिए और अर्थ लिखिए ।

(क) बहुत दिन हो गए, मन में कोई उमंग नहीं आई ।

(ख) बहुत दिन हो गए, मन के भीतर कविता-सी कोई बात नहीं उठी, जिसमें छंद हो, लए हो । 

(ग) बहुत दिन हो गए, गाने-गुनगुनाने का मन नहीं हुआ ।

(घ) बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं और ना मन में खुशी आई ।

उत्तर – (क) बहुत दिन बीत जाने के बाद भी, ना तो मन में कोई उमंग सी आई और ना ही कोई दुख दूर हुआ ।

(ख) बहुत दिन बीत जाने के बाद भी, कठपुतलियों के मन में कोई प्रसंता के भाव नहीं जागे और बंधन के कारण अपने मनोभावों को व्यक्त ना कर पाने कि वजह से व चिंतित हो गए ।

(ग) बहुत दिन गुलामी में जीवन व्यतीत कर के उनका मन उदास हो उठा और कभी भी गाने गुनगुनाने का मन नहीं किया ।

(घ) बहुत दिन स्वतंत्रता ना मिलने के कारण कठपुतलियां दुखी हो गई । उनके मन में उदासी और दुखी छा गई और अब उनके मन में किसी प्रकार की खुशी या प्रसंता नहीं है ।

प्रश्न 2. नीचे दो स्वतंत्रता आंदोलन के वर्ष दिए गए हैं । इन दोनों आंदोलनों के दो-दो स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखिए ।

(क) सन् 1857 – ..………………….

                        ……………………

(ख) सन् 1942 – ..………………….

                        ..………………….

उत्तर – दो-दो स्वतंत्रता सेनानियों के नाम–

(क) सन् 1857   रानी लक्ष्मीबाई, तांत्या टोपे ।
(ख) सन् 1942 महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद ।

अनुमान और कल्पना —

• स्वतंत्र होने की लड़ाई कठपुतलियों ने कैसे लड़ी होगी और स्वतंत्र होने के बाद उन्होंने स्वावलंबी होने के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए होंगे? यदि उन्हें फिर से धागे में बॉंधकर नचाने के प्रयास हुए होंगे तब उन्होंने अपनी रक्षा किस तरह के उपायों से की होगी?

उत्तर – स्वतंत्र होने के लिए पहले एक कठपुतली ने अन्य कठपुतलियों के मन में आजाद होने की चाह व्यक्त करी और फिर सभी कठपुतलियों ने मिलकर उस बंधन के खिलाफ आवाज उठाई होगी और अपने धागों के बंधनों को तोड़ दिया होगा । यदि  फिर से उन्हें धागों में बांधकर नचाने का प्रयास किया गया होगा तो उन्होंने उन बंधनों में बंधना अस्वीकार कर दिया होगा और फिर सभी ने मिलकर उसके खिलाफ पूरी शक्ति से संघर्ष किया होगा ।

भाषा की बात —

प्रश्न 1. कई बार जब दो शब्द आपस में जोड़ते हैं तो उनके मूल रूप में परिवर्तन हो जाता है । कठपुतली शब्द में भी इस प्रकार का सामान्य परिवर्तन हुआ है । जब काठ और पुतली दो शब्द एक साथ हुए कठपुतली शब्द बन गया और इससे बोलने में सरलता आ गई । इस प्रकार के कुछ शब्द बनाइए–

जैसे– काठ (कठ) से बना – कठगुलाब, कठफोड़ा        

‌‌  हाथ-हथ         सोना-सोन           मिट्टी-मठ

उत्तर – 

(क) हिम और आलय   हिमालय
(ख) घोड़ा और सवार    घुड़सवार
(ग) चतुर और भुज चतुर्भुज
(घ) महा और शिवरात्रि महाशिवरात्रि
(ड़) देव और दूत देवदूत

प्रश्न 2. कविता की भाषा में लय या तालमेल बनाने के लिए प्रचलित शब्दों और वाक्यों में बदलाव होता है । जैसे– ‘आगे-पीछे’ अधिक प्रचलित शब्दों की जोड़ी है, लेकिन कविता में ‘पीछे-आगे’ का प्रयोग हुआ है । यहॉं ‘आगे’ का ‘… बोली ये धागे’ से ध्वनि का तालमेल है । इस प्रकार के शब्दों की जोड़ियॉं में आप भी परिवर्तन कीजिए– दुबला-पतला, इधर-उधर, ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं, गोरा-काला, लाल-पीला आदि ।

उत्तर – 

पतला-दुबला  लड़का खेलकूद में आगे निकला ।
उधर-इधर भाग रहे थे मासूम लोग ।
नीचे-ऊपर उसने मुझे देखा ।
बाएं-दाएं व्यायाम में हाथ पैर हिलाए ।
काला-गोरा सब हैं एक समान ।
पीला-लाल हाथ लिया रुमाल, टेढ़ी उसकी चाल ।

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